Corona diary
जनवरी और फरवरी में विदेशो में खौफ भरा माहौल पैदा करने के बाद कोरोना वायरस ने अचानक भारतवर्ष में भी दस्तक दे दी ! मार्च में महानगरों में कोरोना के केसेज आने लगे, उस समय सबके संपर्क विदेशो या विदेशियों से किसी न किसी प्रकार सिद्ध हो गए ! कोरोना की मारक क्षमता तो खास नहीं मानी जा रही, पर इसकी संक्रामक क्षमता इसे महामारी का नाम दे रही !
अप्रैल में हमारे बच्चों का यूरोप यात्रा का कार्यक्रम था, पर यूरोप के माहौल को देखते हुए टिकटें रद्द कर दी गयी थी, वीजा कैंसिल कर दिया था ! मार्च में विदेशों से आनेवाले लोगों में से कुछ सावधानी जरूर बरत रहे थे, पर काफी लोग लापरवाही भी कर रहे थे ! कुछ लोग तो खुलेआम घोषणा कर रहे थे कि कोरोना वायरस साधारण सर्दी-खांसी हैं, लोगों का भयभीत करने की चाल हैं !
Corona virus in India
इनकी लापरवाही का नतीजा ऐसा हुआ केस गुणात्मक गति से बढ़ने लगे ! इसी दौरान सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा की, सब घर बैठ गए ! अचानक आये इस समस्या से पूरा देश अव्यवस्थित हो गया। फिर देश में अनलॉक की घोषणा हुई, फिर शुरू हुई लोगों की लापरवाही और उससे बढ़ने लगा कोरोना संक्रमितों और उससे होने वाली मौत का आंकड़ा !
इसी समय तैयार हुई मेरी कोरोना डायरी, जिसके सभी भाग सोशल मीडिया और ब्लॉग पर प्रकाशित होते रहें ! इस पुस्तक में मैंने अपनी डायरी के सभी लेखों को संग्रहित किया हैं ! इसको पूरा पढ़कर भरतीय समाज की मानसिकता, भारतीयों में कोरोना के प्रभाव और कोरोना से सम्बंधि बहुत सारी चर्चा होगी ! आमेज़न के किंडल पर यह मात्र 100/- रुपये में उपलब्ध हैं !
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