सूर्य राशि कैसे जाने ?
ज्योतिष के अनुसार जन्मकुंडली में तीन राशियां महत्वपूर्ण होती हैं , जन्म के समय जो राशि पूर्वी क्षितिज पर उदित होती हैं, उन्हें लग्नराशि , जिस राशि में चंद्र होता है , उसे चंद्र राशि, जिस राशि में सूर्य होता है उसे सूर्यराशि कहते हैं। पिछले वीडियो में आपने जन्मकुंडली के चक्र को देखकर अपना लग्न और चंद्र राशि समझना सीखा। इसी तरह आप जन्मकुंडली के चक्र से ही अपनी सूर्य राशि को भी जान सकते हैं।
आपकी जन्मकुंडली में जिस स्थान पर सूर्य बैठा होता है , वह आपकी सूर्य राशि होती है। यदि सूर्य 1 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि मेष , यदि सूर्य 2 अंक में बैठा हो तो आपकी राशि सूर्यवृष, यदि सूर्य 3 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि मिथुन , यदि सूर्य 4 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि कर्क, यदि सूर्य 5 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि सिंह, यदि सूर्य 6 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि कन्या, यदि सूर्य 7 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि तुला, यदि सूर्य 8 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि वृश्चिक , यदि सूर्य 9 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि धनु, यदि सूर्य 10 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि मकर , यदि सूर्य 11 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि कुम्भ, यदि सूर्य 12 अंक में बैठा हो तो आपकी सूर्यराशि मीन होगी।
चाहे आपका लग्न कुछ भी हो, आपका जन्म 15 अप्रैल से 15 मई के मध्य हुआ हो तो आपकी आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 1 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 मई से 15 जून के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 2 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 जून से 15 जुलाई के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 3 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 जुलाई से 15 अगस्त के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 4 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 अगस्त से 15 सितम्बर के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 5 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 6 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 7 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 नवंबर से 15 दिसंबर के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 8 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 दिसंबर से 15 जनवरी के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 9 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 जनवरी से 15 फरवरी के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 10 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 फरवरी से 15 मार्च के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 11 अंक में स्थित होगा, यदि आपका जन्म 15 मार्च से 15 अप्रैल के मध्य हुआ हो तो आपकी जन्मकुंडली में सूर्य 12 अंक में स्थित होगा। इसलिए जन्मकुंडली में सूर्य के 1 से 12 तक के किसी अंक में स्थित होने से आप अपने जन्म के महीने का अनुमान आसानी से लगा सकते हैं।
जन्मकुंडली किसी भी अंक से क्यों न शुरू हुई हो , उसके किसी खाने में कोई अंक क्यों न लिखा हो , लेकिन उसमे लग्न के खाने को पहला भाव , उसके बाद के खाने को दूसरा भाव, उसके बाद के खाने को तीसरा भाव , उसके बाद के खाने को चौथा भाव, उसके बाद के खाने को पांचवां भाव, उसके बाद के खाने को छठा भाव, उसके बाद के खाने को सातवां भाव, उसके बाद के खाने को आठवां भाव , उसके बाद के खाने को नवां भाव, उसके बाद के भाव को दसवाँ भाव, उसके बाद के खाने को ग्यारहवाँ भाव, उसके बाद के खाने को बारहवाँ भाव कहते हैं।
जन्मकुंडली में विभिन्न भाव में सूर्य की स्थिति के हिसाब से ही आप अपने जन्म के समय का अनुमान लगा सकते हैं। यदि जन्मकुंडली में पहले भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्योदय के आसपास का होगा , यदि जन्मकुंडली में दूसरे भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्योदय के लगभग दो घंटे पहले का होगा , यदि जन्मकुंडली में तीसरे भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्योदय के लगभग चार घंटे पहले का होगा , यदि जन्मकुंडली में चौथे भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्योदय के लगभग छह घंटे पहले का होगा , यदि जन्मकुंडली में पाँचवे भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्योदय के लगभग आठ घंटे पहले का होगा , यदि जन्मकुंडली में छठे भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्योदय के लगभग दस घंटे पहले का होगा , यदि जन्मकुंडली में सातवें भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्योदय के लगभग बारह घंटे बाद यानि सूर्यास्त के लगभग का होगा , यदि जन्मकुंडली में आठवें भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्यास्त के लगभग दो घंटे पहले का होगा , यदि जन्मकुंडली में नवें भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्यास्त के लगभग चार घंटे पहले का होगा , यदि जन्मकुंडली में दसवें भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्यास्त के लगभग छह घंटे पहले का होगा , यदि जन्मकुंडली में ग्यारहवें भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्यास्त के लगभग आठ घंटे पहले का होगा , यदि जन्मकुंडली में बारहवें भाव में सूर्य हो तो आपका जन्म सूर्यास्त के लगभग दस घंटे पहले यानि सूर्योदय के दो घंटे बाद का होगा .
जयोतिष में हुए नए रिसर्च, गत्यात्मक ज्योतिष के बारे में अधिक जानने के लिए ये लेख अवश्य पढ़ें ------
'गत्यात्मक ज्योतिष' आधारित धारणा पर संगीता पुरी की ई-पुस्तकों को प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें!
कृपया कमेंट बॉक्स में बताएँ कि यह लेख आपको कैसा लगा? यदि पसंद आया तो अपने मित्रों परिचितों को अवश्य शेयर करे, ताकि ज्योतिष से सम्बंधित वैज्ञानिक जानकारी जन-जन तक पहुंचे। नीचे के फेसबुक, ट्विटर और अन्य बटन आपको इस लेख को शेयर करने में मदद करेंगे।
कृपया कमेंट बॉक्स में बताएँ कि यह लेख आपको कैसा लगा? यदि पसंद आया तो अपने मित्रों परिचितों को अवश्य शेयर करे, ताकि ज्योतिष से सम्बंधित वैज्ञानिक जानकारी जन-जन तक पहुंचे। नीचे के फेसबुक, ट्विटर और अन्य बटन आपको इस लेख को शेयर करने में मदद करेंगे।