Corona third stage -
बचपन की एक घटना की याद आ रही है। हमारे पड़ोस में मिटटी, लकड़ी और खपड़े के घर में एक कमरे में आग लग गयी। जबतक गाँव, मोहल्ले वाले पहुँचते कुछ ज्वलनशील पदार्थो के कारण उस कमरे की आग ने भयंकर रूप धारण कर लिया। गाँव में नियम था कि यदि किसी के घर में आग लगी, तो सभी रस्सी बाल्टी लेकर दौड़ते, लड़के चैन बना लेते, एक हाथ से दूसरे हाथ होते हुए सैकड़ों बाल्टी पानी आग पर डाल दिया जाता था। लेकिन उस दिन गाँव के बुजुर्ग समझ गए कि यह आग पानी से बुझने वाली नहीं। किसी किसी के खेत में डीज़ल से चलने वाला पंप था भी, तो उसे यहाँ स्थापित करना कठिन था। उस कमरे को अलग थलग करने विचार करके बुजुर्गों के निर्देश से सभी वापस अपने घर दौड़े और लकड़ी को काटने के लिए आरी और टाँगी लेकर आये। 10 लड़के ऊपर चढ़े और छप्पर को सहारा दे रहे 10 लकड़ियों को काट डाला। पूरा छप्पर एक साथ कमरे की आग में गिर गया आग उसी कमरे तक सिमटकर रह गयी पूरा घर बच गया।
Chain of crackers
दीपावली में बच्चों को १०-२०-५० पटाखे की चेन बनाकर जलाते हुए आप सबों ने देखा होगा। छोटे छोटे पटाखे एक साथ जोड़कर बच्चे एक को जलाते हैं, पर धीरे धीरे पटाखे एक-एक करते हुए सबको अपनी चपेट में ले लेते हैं। 5 मिनट तक बच्चे ताली बजाते या खुश होते हुए अपना मनोरंजन करते हैं। ऐसे ही कुछ दिनों पहले यूरोपीय देशों में से किसी डॉक्टर ने यह तस्वीर भेजी। माचिस की तीली एक एक जलते हुए आगे बढ़ती जाती है, जैसे ही एक माचिस की तीली हट जाती है।
ये तीनो उदहारण में तो चेन की बात हुई, हमने घर को काटकर अलग कर दिया, दोनों ओर घर होता तब भी इसे काटकर अलग कर सकते थे। यदि पटाखों को रोकना हो तो एक जगह से काटकर किसे भी समय रोक सकते हैं। माचिस के तीली में से एक को हटाकर आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। पर अंदाजा लगाइये कि यदि उस घर के चारो ओर घर होता, एक पटाखे के चारो ओर पटाखे लगाते हुए जलाया जाता, या माचिस की तीली के चारो और तीली होती तो पहले ही लेवल पर आग की ताकत को रोकने के लिए हमारी मेहनत कईगुणी होती। और यदि ऐसी घटना 1 से बढ़ते हुए 5 -10 लेवल तक चली जाये तो हमारे लिए आग पर विजय पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा।
Era of fast communication
हमारी खुशनसीबी है की इस समय संचार माध्यम बहुत दुरुस्त है। विश्व के किसी कोने में हो रही घटना की जानकारी हमें मिल जाती है। हमारी खुशनसीबी है कि इस वायरस का जन्म भारत में नहीं हुआ है और हमें कई देशों के अनुभव का लाभ मिल रहा है। हमारी खुशनसीबी है कि हमारी सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और तमाम स्कूल, कॉलेज और ऑफिसों में छुट्टियाँ घोषित कर दी गयी हैं। बहुत जरूरी जगहों पर ही लोगों को आवागमन करना पड़ रहा है। उनके लिए भी सुविधाएँ और कोरोना से बचाव के निर्देश दिए गए हैं। पिछले दो सप्ताह से ही कुछ लोग जागरूक होकर इसपर पोस्ट लिख रहे हैं, आप सबों को जानकारी मिल ही गयी होगी। आईये, अब हम अपनों के लिए, देश के लिए २२ मार्च को जनता कर्फ्यू को सफल बनाये, इससे हमें वैसी परेशानी नहीं आएगी, जैसा तीसरे सप्ताह में अन्य देशों को आयी। इसके पीछे कारण यह होगा कि इससे लगभग 30 घंटे सारा हिन्दुस्तान अपने घरों में कैद रहेगा। सार्वजनिक जगहों के वायरस समाप्त मिलेंगे। जिनको बीमारी हो चुकी है, वे अस्पताल में पहुँचते रहेंगे। पर कोई नया चपेट में नहीं आएगा।
हमारी संस्कृति में भाग्य और कर्म दोनों को महत्व दिया गया है। कई दिन पहले हमारे ब्लॉग में लिखे गए पोस्ट में
लिखा गया था कि 22 मार्च के बाद कोरोना का प्रभाव कम हो जायेगा। corona third stage में जाने से पहले सरकार ने भी घोषणा की है, हमलोग जनता कर्फ्यू को सफल बनाये।