Instructions for covid 19
लॉक डाउन -२ शुरू हो गया आज, इसके अलावा कोई चारा न था। कोरोना महामारी ने पूरे विश्व के सभी लोगों को अपने अपने घर में बैठने के हालात पैदा कर दिए हैं। इससे कई प्रकार की परेशानियाँ खड़ी हुई हैं, पर कोरोना के देश में तीसरे, चौथे या पांचवे लेवल पहुँच जाने से तुलना की जाये तो ये सारी परेशानियाँ काफी छोटी हैं। लॉक डाउन ने लोगों को यह समझाने में मदद की है कि कोरोना जैसी बीमारी को हलके में नहीं लिया जाना चाहिए, पर अभी भी बहुत सारे लोग इसकी गंभीरता को नहीं समझ पा रहे हैं। फलस्वरूप अभी भी ऐसी गलतिया जारी हैं, जो लॉक डाउन के दौरान नहीं होनी चाहिए थी। पूरा विश्व इस बात पर सहमत है कि इस बीमारी के चेन को ख़त्म करना ही इस बीमारी की सबसे बड़ी दवा है, इसके समक्ष अर्थव्यवस्था को भले ही कुछ नुकसान सहना पड़े। पर ऐसा कितने दिन हो सकता है ?
कुछ सावधानी बरतने की सलाह देते हुए किसी दिन ऑफिस भी खुलेंगे, बाजार भी, रेल और गाड़ियाँ भी। अभी तो कोरोना वायरस से बचने के लिए टीका बनाने में बहुत समय है, तबतक सावधानिया बरतना ही सबसे बड़ा उपाय है। कोरोना छूत की खतरनाक बीमारी तो है, पर छूत की अन्य बीमारियों में लक्षण दिखने के बाद ही संक्रमण का खतरा था, पर यह बीमारी लक्षण से पहले ही संक्रमण ले आती है। वैसे तो सरकार पूरा ध्यान दे रही है, पर हमलोग अभी से हम अपनी जीवनशैली में ये आदतें डाल लें तो बहुत अच्छा रहेगा :---------
- पूरे घर के पायदान और सभी वस्तुओं की कवर हटा दें, उनके अंदर कोरोना के छुपे रहने की संभावना बनेगी। प्रतिदिन इनकी साफ़-सफाई मुश्किल होती है।
- प्लास्टिक का उपयोग बंद कर दें, सतह चिकना हो तो वैसे सामान रख सकते हैं, पर जालीदार या डिज़ाइन वाला होने से यह अच्छी तरह साफ़ नहीं होता।
- घर के परदे उतार दें या बिलकुल साइड कर दें, ताकि बाहर से आये व्यक्ति को बाथरूम जाते वक्त इसका स्पर्श न हो।
- बाहर से आनेवाली वस्तुएँ - राशन, फल और साग सब्जियाँ बार बार न मंगवाएं। इसे महीने में दो बार या तीन बार एक ही दिन मंगवाएं।
- घर के अंदर आनेवाले सभी सदस्य चप्पल-जुत्ते बाहर उतार दें। ऐसे चप्पल-जूत्ते पहने, जिन्हे साबुन के पानी या डेटोल पानी से साफ़ किया जा सके।
- गैस सिलिंडर, राशन आदि को घर के एक कोने में ३-४ दिन तक छोड़ दें, उसके बाद ही सेनेटाइज़ करके घर में रखें।
- सब्जियों-फल को एक-दो चम्मच नमक या मीठे सोडे वाले पानी में डुबोकर १५ मिनट छोड़ दें। फिर अच्छी तरह धोकर छानकर निकाल लें।
- दूध के पैकेट को साबुन से साफ़ करके ही उपयोग करें।
- जिस दिन बाहर से सामान आये, उस दिन पूरे घर, किचेन की सफाई अच्छी तरह करें।
- बाहर से आनेवाले आपकी घंटी या गेट नहीं छुएँ, ऐसी व्यवस्था रखें। प्रतिदिन इसे सनीटाइज़ करें।
- घर के बाहर की सफाई करनेवाले झाड़ू से घर के अंदर की सफाई न करें।
- ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन का उपयोग करें, यदि किसी को पैसे हो तो पैसों को घर के कोने में एक बैग में टांगकर रखें। लें-दें के बाद हाथ को अच्छी तरह धोएं।
- हाथ धोते वक्त सभी जगह नल की टोटियों में भी साबुन लगा दिया करें, क्योंकि उसे घर के सभी व्यक्ति छूते हैं।
- अपनी कलाई में डिज़ाइन वाली चूड़ियां न पहने, जिसमे वायरस के घुसने का ख़तरा हो।
- प्रतिदिन कपडे धोने की आदत डालें। बाथरूम में एक बाल्टी में सर्फ का घोल रखें, ताकि नहाने जानेवाले सभी व्यक्ति उसमे अपने उतारे हुए कपडे सावधानी से डाल दे। अंत में उसे वाशिंग मशीन में धोकर धुप में सुखाये। संभव हो तो सभी कपड़ों को डेटोल से अंतिम बार धोएं।
- सुबह मुंह-हाथ धोते वक्त फेसवाश भी अच्छी तरह करें।
- बाहर से आये सामानों को व्यवस्थित करने के बाद घर की सफाई करके स्नान करके ही रसोई में जाएँ। खाना बनाने, खिलाने तक कोई भी दुसरा काम न करें।
- बाहर से आये सामान को व्यवस्थित करने, रसोई बनाने या अन्य काम करने का समय अलग अलग करें, यह नहीं कि खाना बनाते हुए किसी का फ़ोन उठा लिया, किसी को पैसे दे दिए।
- बाहर से लाये गए किसी भी सामान पर भरोसा न करें, उन्हें निकालने, सब्जियों को छीलने-काटने के बाद भी हाथ और वह जगह अच्छी तरह धोएं।
- रसोई में नक्काशी वाले बर्तन का उपयोग बंद करना होगा। यदि उपयोग करें तो प्रतिदिन उसे गर्म पानी से धोये।
- किचेन में उपयोग होनेवाले हर सामान को प्रतिदिन गरम पानी और साबुन से धोने की आदत डालनी होगी।
- खाना गर्म बनाने और खाने-खिलाने की आदत डालें।
- किचेन में चाय बनाने भी आएं तो सबसे पहले हाथ अच्छे से धोएं।
- सुबह उठने, बाहर से आने और कुछ भी खाने-पीने से पहले बच्चों से हाथ धुलवाने की आदत बनानी होगी।
- सबसे बड़ी आदत जो हमें खुद में और बच्चों में विकसित करनी होगी, वह अपना मुंह-नाक-आँख कभी भी नहीं छूना है ।
- खांसी और छींक का क्या है, जरूरी नहीं यह आये तो हमारे सामने टिश्यू पेपर हो, ऐसी स्थिति में कपडे का गला उठाकर अपना मुँह-नाक इसके अंदर करके हम छींक सकते हैं। बच्चों को भी ऐसा ही सिखाएं।
- आप स्वयं भी न तो कहीं भी थूके और न ही किसी को थूकने दें। सरकार को थूकनेवालों पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी।
हर वक्त मन को खुश रखें, मन के हारे हार है मन के जीते जीत। चुनौतियाँ आयी हैं तो जाएंगी भी !
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