क्‍या आपने भृगुसंहिता का नाम सुना है ?

 

Bhrigu samhita in hindi

भृगु संहिता फलित ज्योतिष - ज्‍योतिष में थोडी भी रूचि रखनेवालों ने भृगुसंहिता का नाम अवश्‍य सुना होगा। जैसा कि नाम से ही स्‍पष्‍ट है , यह ज्‍योतिष के क्षेत्र में महर्षि भृगु द्वारा रचित एक ऐसी कालजयी पुस्‍तक मानी जाती है , जिसमें हर काल में जन्‍म लेनेवालों का भविष्‍य लिखा हुआ है। आम लोगों की तरह मैं भी सोंचा करती थी कि जिनलोगों ने जन्‍म भी नहीं लिया है , उसके बारे में भी भविष्‍यवाणी कर पाना भला कैसे संभव है ? इस पुस्‍तक की मूल पांडुलिपि के बारे में अभी तक सही सही बता पाना मुश्किल है , पर गुरू शिष्‍य परंपरा के तहत् आज तक ढोए जा सके तथ्‍यों के आधार पर जब विभिन्‍न प्रकाशनों की भृगुसंहिताओं को पढा , तो भृगुसंहिता के मूल आधार के बारे में बात समझ में आयी। गत्यात्मक ज्योतिष प्राचीनतम विधाओं का भी नवीनतम उपयोग की बात करता है। 

Bhrigu samhita in hindi


Bhrigu samhita Hindi explanation

वास्‍तव में , प्राचीन ज्‍योतिष में हमें प्रभावित करने वाले 7 आकाशीय पिंडों और दो महत्‍वपूर्ण विंदुओं ( राहू और केतु ) को मिलाकर 9 ग्रह माने गए है। इन 9 ग्रहों की 12 राशियों में स्थिति 9*12 = 108 तरह के फलादेश दे सकती है। यदि लग्‍न के आधार पर विभिन्‍न भावों को देखते हुए गणना की जाए , तो 12 लग्‍नवालों के लिए पुन: 108*12 = 1296 प्रकार के फलादेश होंगे। यदि इन फलादेशों को 1296 अनुच्‍छेदों में लिखकर रखा जाए , तो किसी भी बच्‍चे के जन्‍म के बाद उस बच्‍चे की जन्‍मकुंडली में नवों ग्रहों की स्थिति को देखते हुए भृगुसंहिता में से 9 अनुच्‍छेदो को चुनकर भविष्‍यवाणी के लिए निकाला जा सकता है।

Gatyatmak Bhrigu samhita Hindi guide

प्राचीन ज्‍योतिष में आकाश का 30-30 डिग्रियों में विभाजन , उनका विभिन्‍न ग्रहों को आधिपत्‍य दिया जाना और लग्‍नसापेक्ष सभी भावों को जो विभाग सौंपे गए हैं , उस आधार को ‘गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष’ ने जस का तस स्‍वीकार किया है। पर जब विभिन्‍न प्रकाशनों की भृगुसंहिताओं को पढा , तो पाया कि सारे फलादेश ग्रह स्थिति के आधार पर लिखे गए हैं। यानि लगभग कोई भी ग्रह हों , लग्‍न से केन्‍द्र या त्रिकोण में हों तो उन्‍हें बलवान तथा षष्‍ठ , अष्‍टम या द्वादश भाव में हो तो उन्‍हें कमजोर मानकर फलादेश लिखा गया है ।

Gatyatmak Bhrigu samhita Hindi notes

पर ‘गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष’ की मान्‍यता है कि जिस तरह राजमहल में दिखाई देनेवाले सभी राजा नहीं होते , न पुलिस स्‍टेशन कैम्‍पस में दिखाई देनेवाले सभी लोग अपराधी और न ही श्‍मशान में दिखाई पडनेवाला सारा शरीर लाश उसी तरह ग्रहों की स्थिति मात्र के आधार पर भविष्‍य का आकलन गलत है। भले ही अधिकांश समय ग्रह अपनी स्थिति के अनुसार ही फल देते हों , पर कभी कभी इसका उल्‍टा भी हो जाया करता है।

लग्नकुंडली

‘गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष’ के द्वारा ग्रहों की गत्‍यात्‍मक और स्‍थैतिक शक्ति का खुलासा होने के बाद यह स्‍पष्‍ट हो गया कि धन स्‍थान में मौजूद ग्रहों के बावजूद जातक निर्धन , भाग्‍य स्‍थान में मौजूद ग्रहों के बावजूद जातक भाग्‍यहीन , बुद्धि स्‍थान में मौजूद ग्रहों के बावजूद जातक बुद्धिहीन और अष्‍टम भाव में मौजूद ग्रहों के बावजूद जातक अच्‍छे जीवन जीनेवाला क्‍यूं हो जाता है। इस आधार पर ‘भृगुसंहिता’ के नाम के साथ कोई छेडछाड न करते हुए कुछ वर्षों से एक ‘गत्‍यात्‍मक भृगुसंहिता’ तैयार करने की दिशा में काम किया गया , जिसमें क्‍या क्‍या खूबियां थी और उसे तैयार करने में क्‍या क्‍या परेशानियां आयी , उसे पढने के लिए अगले पोस्‍ट का इंतजार करें ।

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    संगीता पुरी

    Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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