मेष लग्न की कुंडली : जीवनशैली

 

 Jivan kya hai

Aries means in Hindi

Aries राशि को हिंदी में मेष कहा जाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पृथ्‍वी की घूर्णन गति के फलस्‍वरूप आसमान के 360 डिग्री पूरब से पश्चिम की ओर जाती की चौडी पट्टी को 12 भागों में बांटकर एक राशि निकाली जाती है। आमलोग तो यही जानते हैं कि इन 12 राशियों में से दो का महत्‍व अधिक है.. पहला ,जिसमें सूर्य स्थित हों , दूसरा , जिसमें चंद्र स्थित हों । 

पर ज्‍योतिष की पुस्‍तकों में इससे भी अधिक महत्‍व उस राशि का होता है , जिसका उदय बालक के जन्‍म के समय पूर्वी क्षितिज में हो रहा हो , इसे लग्‍न कहते हैं। एक चंद्र को छोडकर बाकी ग्रहों की स्थिति में दिनभर में कोई परिवर्तन नहीं होता , बारहों लग्‍न के आधार पर दो दो घंटे में अलग अलग जन्‍मकुंडली बनती है। बालक का जन्‍म जिस लग्‍न में होता है , उसी के आधार पर विभिन्‍न ग्रहों को उसके जीवन के सभी संदर्भों के सुख या दुख के निर्धारण का भार मिलता है। 

Aries in Hindi rashi

आसमान के 0 डिग्री से 30 डिग्री तक के भाग का नामकरण मेष राशि के रूप में किया गया है। जिस बच्‍चे के जन्‍म के समय यह भाग आसमान के पूर्वी क्षितिज में उदित होता दिखाई देता है , उस बच्‍चे का लग्‍न मेष माना जाता है। 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' की मान्‍यता है कि मेष लग्‍न की कुंडली मानव जाति के जीवनशैली का पूर्ण तौर पर प्रतिनिधित्‍व करता है। इसे निम्‍न प्रकार से स्‍पष्‍ट और प्रमाणित किया जा सकता है। इसलिए परम्परागत ज्योतिष में भी कालपुरुष की जन्मकुंडली मेष लग्न की मानी गयी है। 

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मनुष्य का जीवन

मेष लग्‍न की कुंडली के अनुसार मन का स्‍वामी चंद्र चतुर्थ भाव का स्‍वामी होता है और यह जातक के मातृ पक्ष , हर प्रकार की संपत्ति और स्‍थायित्‍व का प्रतिनिधित्‍व करता है। मानव के मन को पूर्ण तौर पर संतुष्‍ट करने वाली जगह माता , मातृभूमि , हर प्रकार की छोटी बडी संपत्ति और स्‍थायित्‍व ही होती है। माता , मातृभूमि और हर प्रकार की छोटी बडी संपत्ति और स्‍थायित्‍व से दूर मनुष्‍य सुखी नहीं हो सकता।

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मेष लग्‍न की कुंडली के अनुसार समस्‍त जगत में चमक बिखेरने वाला सूर्य पंचम भाव का स्‍वामी होता है और यह जातक के बुद्धि , ज्ञान और संतान का प्रतिनिधित्‍व करता है। मानव भी अपनी बुद्धि और ज्ञान और सूझबूझ की मजबूती के बल पर या योग्‍य संतान के बल पर सारी दुनिया में प्रकाश फैलाने में सक्षम होते हैं , जबकि बुद्धि ज्ञान की कमी रखनेवाले लोग या उनके अज्ञानी या अयोग्‍य संतान पूरी दुनिया को दिशाहीन कर देती है।

मनुष्य जाति का विज्ञान

मेष लग्‍न की कुंडली के अनुसार मंगल प्रथम और अष्‍टम भाव का स्‍वामी होता है और यह जातक के शरीर और जीवन का प्रतिनिधित्‍व करता है। पूरी दुनिया में मानव को जीवन को मजबूती देने के लिए शरीर की देखभाल की तथा स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जीवनशैली को सुव्‍यवस्थित बनाए रखने की आवश्‍यकता होती है। यदि स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा हो तो जीवन के सही होने की तथा स्‍वास्‍थ्‍य बुरा हो तो जीवन के बिगडने की संभावना बनती है। इसी तरह जीवनशैली गडबड हो तो स्‍वास्‍थ्‍य के गडबड रहने की तथा जीवनशैली सही हो तो स्‍वास्‍थ्‍य के अच्‍छे रहने की संभावना बनती है।

भृगुसंहिता के बारे में 

मेष लग्‍न की कुंडली के अनुसार शुक्र द्वितीय और सप्‍तम भाव का स्‍वामी है और यह जातक के धन कोष तथा घर गृहस्‍थी का प्रतिनिधित्‍व करता है। मानव को भी घर गृहस्‍थी चलाने के लिए धन की तथा धन कोष की व्‍यवस्‍था के लिए घर गृहस्‍थी की आवश्‍यकता पडती है। साधन संपन्‍नता से घर गृहस्‍थी अच्‍छी चलती है , जबकि साधन की कमी से घर गृहस्‍थी का वातावरण गडबड रहता है। इसी प्रकार जीवनसाथी के पारस्‍परिक सहयोग से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है , जबकि सहयोग की कमी होने पर आर्थिक स्थिति कमजोर।

मेष लग्न भाव

मेष लग्‍न की कुंडली के अनुसार बुध तृतीय और षष्‍ठ भाव का स्‍वामी है और यह जातक के भाई बंधु , झंझट तथा प्रभाव से संबंधित मामलों का प्रतिनिधित्‍व करता है। मानव जीवन में भाई ,बंधु के मध्‍य झंझट होने की प्रबल संभावना बनी रहती है और किसी झंझट को हल करने के लिए भाई बंधु के सहयोग की आवश्‍यकता भी होती है। यदि भाई बंधु की स्थिति मजबूत हो तो अनेक प्रकार के झंझटों को सुलझाने और प्रभाव को मजबूत बनाने में मदद मिलती है , जबकि यह कमजोर हो तो न तो झंझट सुलझते हैं और न ही प्रभाव की बढोत्‍तरी हो सकती है। इसी प्रकार जिसके पास झंझट सुलझाने की शक्ति मौजूद हो , तो उन्‍हें भाई बंधुओं की कमी नहीं होती।

मेष लग्‍न की कुंडली के अनुसार बृहस्‍पति नवम और द्वादश भाव का स्‍वामी होता है और यह जातक के भाग्‍य , धर्म , खर्च और बाहरी संदर्भ का प्रतिनिधित्‍व करता है। मनुष्‍य के जीवन में भी भाग्‍य और खर्च का पारस्‍परिक संबंध होता है। वे भी भाग्‍य की मजबूती से खर्चशक्ति या बाहरी संदर्भों की मजबूती प्राप्‍त करते हैं तथा खर्च शक्ति या बाहरी संदर्भों की मजबूती से भाग्‍य की मजबूती पाते हैं। भाग्‍य कमजोर हो तो खर्च शक्ति या बाह्य संदर्भों में कमजोरी तथा खर्च शक्ति कमजोर हो तो भाग्‍य को कमजोर पाते हैं। 

मेष लग्‍न की कुंडली के अनुसार शनि दशम और एकादश भाव का स्‍वामी होता है यानि यह जातक के पिता पक्ष , प्रतिष्‍ठा पक्ष और हर प्रकार के लाभ का प्रतिनिधित्‍व करता है। मनुष्‍य के जीवन में भी पिता पक्ष और लाभ का आपस में संबंध होता है। हम सभी जानते हैं कि एक बच्‍चे को समाज में पहचान पिता के नाम से ही मिलती है , पिता के स्‍तर के अनुरूप ही उसे पद और प्रतिष्‍टा प्राप्‍त होती है या लाभ का वातावरण बनता है। इसके अलावे किसी प्रकार के लाभ के वातावरण के मजबूत होने पर ही किसी व्‍यक्ति को प्रतिष्‍ठा मिलती है और प्रतिष्‍ठा मिल जाने पर लाभ प्राप्ति का वातावरण मजबूत बनता है।

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    संगीता पुरी

    Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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