ज्योतिष के अनुसार जीवन में सुख शांति कैसे आती है :
माता, चल-अचल संपत्ति, वाहन और ज्योतिष
ज्योतिष में कुंडली के विभिन्न भावों का बहुत महत्व है। इस ब्लॉग के कुंडली भाव सेक्शन में आप सभी भावों के बारे में पढ़ रहे हैं। मानव जीवन के चौथे पक्ष के रुप में माता, मातृभूमि, चल-अचल संपत्ति, मकान, वाहन आदि संदर्भों को महत्वपूर्ण माना गया है । यही कारण है कि योगकारक ग्रहों का विज्ञान नामक में पाँचवे भाव के स्वामी या उसमे मौजूद ग्रहों को +2 अंक दिए गए हैं।
लेकिन योगकारकता के हिसाब से अधिक ही सही पर गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति के हिसाब से यह भाव भी कमजोर या महत्वपूर्ण हो सकता है। गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति को समझने के लिए गत्यात्मक ज्योतिष ने ज्योतिष गणित सूत्र दिए हैं। उसी आधार पर गत्यात्मक ज्योतिष के अनुसार कुंडली देखने का तरीका भी बताया है।
इन सबकी भी परिमाणात्मक विशेषताओं की चर्चा कर पाना फलित ज्योतिष में संभव नहीं है। किसी व्यक्ति का मकान कितना मंजिला होगा ? माता कैसी कद-काठी या रुप-रंग की होगी ? वाहन कौन सा होगा ? फैक्टरी किससे संबंधित होगी ? कोई खास भूमि या मकान जातक के लिए सुखद या दुखद होगी ? इन सब प्रश्नों का उत्तर कदापि नहीं दिया जा सकता ।
वास्तव में इस चौथे भाव से किसी व्यक्ति की स्थायित्व की स्थिति बतलायी जा सकती है, जो जातक के लिए सुखद या दुखद हो सकती है। किसी युग में एक ऐसी गुफा ही जातक को भरपूर स्थायित्व प्रदान करती थी, जिसमें जाड़े,गरमी और बरसात सभी ऋतुओं में वह आराम से रह पाता था और उसे गुफा को बदलने की जरुरत नहीं पड़ती थी, जबकि अन्यो को हर ऋतु में अपने रहने की जगह को बदलना पड़ जाता था। न सिर्फ गुफा को ही, वरन् किन्ही-किन्ही जातियों को तो हर ऋतु में अपने क्षेत्र को ही छोड़ने को मजबूर होना पड़ता था।
माता से सम्बन्ध अच्छे हों तो सुख शांति आती है
इसी प्रकार यदि माता अपनी ही हो और उनसे विचारों का तालमेल न हो, तो कष्ट हो सकता है, जबकि सौतेली माता भी सुख प्रदान करनेवाली हो सकती है, इस हालत की एक ज्योतिषी भला किस प्रकार व्याख्या कर सकता है ? एक सामान्य किसान को एक कार पेट्रोल न भरा पाने का कष्ट प्रदान करेगी, जबकि एक बैलगाड़ी हर प्रकार का सुख, इसलिए उसके वाहन का अच्छा योग उसे बैलगाड़ी ही प्रदान करेगा । इस प्रकार हम उपरोक्त पक्षों के गुणात्मक पहलू की ही चर्चा कर सकते हैं।
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फलित ज्योतिष के द्वारा हम यह बतला सकते हैं कि जातक को माता का भरपूर प्यार प्राप्त हो रहा है या फिर उसके हिस्से में माता की नफरत ही लिखी है ? उसकी माता और हर प्रकार की संपत्ति उसके जरुरत की पूर्तिकरनेवाले गुणों से युक्त है या वंचित ? उसे कदम-कदम पर माता या हर प्रकार की संपत्ति का सहयोग मिल पाता है या नहीं ? अपनी माता या हर प्रकार की संपत्ति से संबंधित मुद्दों को लेकर वह गंभीर है या नहीं ? हर प्रकार की संपत्ति उसके स्थायित्व को मजबूत बना रहीं हैं या फिर वे सब तनाव का ही कारण हैं ?
योगकारक ग्रह
संपत्ति से आराम बना हों तो सुख शांति आती है
वाहन उसकी समस्याओं को बढ़ानेवाली हैं या फिर आवश्यकताओं की पूर्ति करती हैं ? मकान आज की आवश्यकताओं के अनुरुप हैं या वह उसे विरासत की तरफ से मिले बोझ की तरह ढ़ोने को बाध्य है ? किसी प्रकार की संपत्ति को प्राप्त करने के लिए वह कितना महत्वाकांक्षी है ? इन बातों के अतिरिक्त फलित ज्योतिष के द्वारा यह भी बतलाया जा सकता है कि हर प्रकार की संपत्ति के कारण समाज में उसका क्या स्तर है तथा किस समयांतराल में संपत्ति से संबंधित मामले सुखद और किस समयांतराल में दुखद बनें रहेंगे ?
वास्तव में फलित ज्योतिष को एक सांकेतिक विज्ञान के रुप में परिभाषित किया जा सकता है। जैसे किसी जन्मकुंडली में मजबूत वाहन का योग प्राचीनकाल में हाथी, घोड़े आदि का संकेतक था, किन्तु आज वह मोटरसाइकिल, स्कूटर और कार का संकेत देता है। आज अमेरिका के हर व्यक्ति के पास मोटरगाड़ी है। क्या उनमें से सबका जन्म दुनिया के पिछड़े देशों में जन्म लेनेवाले मनुष्यों से अलग समय में हुआ है ?