budh ka gochar 2022
2022 में बुध की चाल का जनसामान्य पर प्रभाव
'गत्यात्मक ज्योतिष' के अनुसार अन्य ग्रहों की तरह ही बुध भी तबतक जातकों को सुख नहीं देता , जबतक इसकी गत्यात्मक शक्ति अच्छी नहीं हो जाती है। इसी प्रकार बुध तबतक आपको परेशान नहीं करता , जबतक उसकी गत्यात्मक शक्ति कम नहीं हो जाती है। गत्यात्मक शक्ति कम या अधिक हो जाने पर जातक को बुध के कारण उससे सम्बंधित भावों का सुख या कष्ट मिल जाता है। मैं 2022 मई-जून की बुध की चाल का पृथ्वी के जड़-चेतन पर पड़नेवाले प्रभाव की व्याख्या कर रही हूँ। 28 अप्रैल 2022 को बुध सूर्य के साथ 27 डिग्री की कोणात्मक दूरी बनाएगा । इस समय बुध और पृथ्वी की दुरी औसत के आस-पास होगी । ऐसे समय में बुध काफी क्रियाशील होता है और जनसामान्य को बुध से सम्बंधित कार्यों में उलझने के लिए बाध्य करता है।
यूं तो वृष राशि में बुध की स्थिति लोगों के सुख और दुख दोनो का कारण बनी हुई होगी , पर 11 मई तक दिन ब दिन इसकी स्थैतिक शक्ति में हो रही वृद्धि कुछ लोगों की मन:स्थिति को सुखद बनाएगी , तो कुछ तनाव झेलने को भी विवश होंगे । 2022 अप्रैल के अंतिम सप्ताह से ही लोग बुध के कारण उत्पन्न होनेवाले कार्य में उलझे होंगे। चूंकि बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है और इसकी स्थिति अभी वृष में होगी , इसलिए वृष , मिथुन और कन्या राशि से संबंधित कार्यों में ही सुख या दुख की अधिक संभावना रहेगी। 12 से 24 वर्ष की उम्र के किशोर , जिनका जन्मकालीन बुध कमजोर है , यानि 1997 में 1 जनवरी से 10 जनवरी , 20 अप्रैल से 6 मई, 23 अगस्त से 7 सितम्बर, 13 दिसंबर से 24 दिसंबर, 1998 में 2 अप्रैल से 17 अप्रैल, 6 अगस्त से 21 अगस्त, 26 नवंबर से 8 दिसंबर , 1999 में 15 मार्च से 30 मार्च, 18 जुलाई से 3 अगस्त, 10 नवंबर से 22 नवंबर, 2000 में 26 फरवरी से 12 मार्च, 29 जून से 15 जुलाई, 24 अक्टूबर से 5 नवंबर, 2001 में 8 फरवरी से 21 फरवरी तक, 8 जून से 24 जून तक , 6 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक, 2002 में 23 जनवरी से 5 फरवरी तक, 20 मई से 4 जून तक, 19 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक, 2003 में 7 जनवरी से 19 जनवरी तक, 1 मई से 16 मई तक, 3 सितम्बर से 16 सितम्बर तक, 21 दिसंबर से ३१ दिसंबर तक, 2004 में 11 अप्रैल से 26 अप्रैल, 15 अगस्त से 29 अगस्त, 4 दिसंबर से 16 दिसंबर, 2005 में 25 मार्च से 8 अप्रैल, 28 जुलाई से 12 अगस्त, 19 नवंबर से 30 नवंबर, 2006 में 7 मार्च से 21 मार्च, 9 जुलाई से 25 जुलाई, 1 नवंबर से 14 नवंबर , 2007 में 19 फरवरी से 4 मार्च, 20 जून से 6 जुलाई, 17 अक्टूबर से 28 अक्टूबर, 2008 में 2 फरवरी से 15 फरवरी, 1 जून से 15 जून, 29 सितम्बर से 11 अक्टूबर, 2009 में 16 जनवरी से 28 जनवरी, 12 मई से 27 मई, 12 सितम्बर से 24 सितम्बर जन्म लेने वालों को बुध की इस स्थिति से तकलीफ होगी। उल्लिखित समय से दूर जन्म लेने वाले पर बुध का शुभ प्रभाव पड़ेगा।
बुध की इस स्थिति के कारण 23 नवंबर 1963 से 25 जनवरी 1964 , 15 नवंबर 1964 से 20 जनवरी 1965 , 20 नवंबर 1970 से 24 जनवरी 1971 , 13 नवंबर 1971 से 18 जनवरी 1972 , 16 नवंबर 1977 से 21 जनवरी 1978 , 20 नवंबर 1983 से 25 जनवरी 1984 , 14 नवंबर 1984 से 19 जनवरी 1985 , 17 नवंबर 1990 से 17 जनवरी 1991 , 12 नवंबर 1991 से 16 जनवरी 1992 , 21 नवंबर 1996 से 24 जनवरी 1997 , 14 नवंबर 1997 से 15 जनवरी 1998 , 10 नवंबर 1998 से 13 जनवरी 1999 , 19 नवंबर 2003 से 23 जनवरी 2004 , 23 नवंबर 2009 से 25 जनवरी 2010 , 16 नवंबर 2010 से 21 जनवरी 2011 , 19 नवंबर 2016 से 23 जनवरी 2017 जन्म लेनेवाले उत्साहित होकर कार्य में जुटे रहेंगे । बुध के कारण 28 अप्रैल 2022 से शुरू हुई कार्यक्रमों में बाधा की शुरुआत 11 मई से होगी। 22 मई तक काम लगभग रुका हुआ सा महसूस होगा। उसके बाद ही काम के शुरू किए जाने के लिए आशा की कोई किरण दिखाई दे सकती है। 3 जून के बाद स्थगित कार्य पुन: उसी रुप में या बदले हुए रुप में उपस्थित होकर गतिमान होगा और 18 जून 2022 के आसपास अपने निर्णयात्मक मोड़ पर पहुंच जाएगा। बुध के कारण होनेवाले इस निर्णय से भी इन लोगों को खुशी होगी। इस तरह 2 महीने तक किसी खास संदर्भ , जिसकी चर्चा लेख के अंतिम अनुच्छेद में की गयी है, की सफलता से इनका उत्साह बढा रहेगा।
किन्तु वृष राशि में बुध की इस विशेष स्थिति से 11 सितम्बर से 18 नवंबर 1961 , 16 सितम्बर से 21 नवंबर 1967 , 8 सितम्बर से 15 नवंबर 1968 , 12 सितम्बर से 18 नवंबर 1974 , 7 सितम्बर से 12 नवंबर 1975 , 22 सितम्बर से 21 नवंबर 1980 , 9 सितम्बर से 16 नवंबर 1981 , 13 सितम्बर से 20 नवंबर 1987 , 7 सितम्बर से 13 नवंबर 1988 , 11 सितम्बर से 17 नवंबर 1994 , 14 सितम्बर से 20 नवंबर 2000 , 12 सितम्बर से 19 नवम्बर 2007 , 6 सितम्बर से 11 नवंबर 2008 , 16 सितम्बर से 21 नवंबर 2013 , 22 सितम्बर से 19 नवंवबर 2020 , 7 सितम्बर से 12 नवंबर 2021 के मध्य जन्म लेनेवाले लोग निराशाजनक वातावरण में कार्य करने को बाध्य होंगे। 28 अप्रैल 2022 के आसपास कार्य के असफल होने से उन्हें तनाव का सामना करना पड सकता है। 22 मई के आसपास उनके समक्ष किकर्तब्यविमूढावस्था की स्थिति बनी रहेगी। 3 जून के बाद निराशाजनक वातावरण में ही स्थगित कार्य पुन: उसी रुप में या बदले हुए रुप में उपस्थित होकर गतिमान होगा और 18 जून 2022 में अपने निर्णयात्मक मोड़ पर पहुंच जाएगा। बुध के कारण होनेवाले इस निर्णय से भी इन लोगों को कष्ट पहुंचेगा। इस तरह डेढ़ महीने तक किसी खास संदर्भ , जिसकी चर्चा वीडियो के अंतिम अनुच्छेद में की गयी है, की परेशानी बनी रह सकती है।
इसके अलावे गोचर के इस बुध के कारण धनु राशि वाले पर शुभ प्रभाव तथा तुला राशि वाले बुरा प्रभाव महसूस करेंगे। काफी हद तक वृष राशि वाले पर भी बुध के इस चाल का अच्छा प्रभाव पडेगा। कुछ हद तक दिसंबर-जनवरी माह में जन्म लेनेवालों के लिए बुध की यह स्थिति शुभ प्रभाव देने वाली होगी , जबकि अक्टूबर-नवंबर माह में जन्म लेनेवाले इसके बुरे प्रभाव से युक्त हो सकते हैं। यदि ऊपर मौजूद तिथियों या राशि कोई जातक एक साथ बुध के अच्छे और बुरे दोनो प्रभाव में आते हों , तो उनपर बुध का मिश्रित प्रभाव पडेगा , यानि कोई कठिनाई आएगी तो उसके समाधान के रास्ते भी दिखेंगे।
बुध के इस खास चाल के कारण ऊपर मौजूद तिथियों या राशि में जन्म लेनेवाले विभिन्न लग्नवाले भिन्न भिनन प्रकार के सुख या दुख से खुद को संयुक्त पाएंगे। मेष लग्नवाले भाई-बहन, सहपाठी-सहकर्मी, रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव के मामले से संबंधित, वृष लग्नवाले पढ़ाई-लिखाई, निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी, धन-कोष , साख , परिवार के मामले से संबंधित , मिथुन लग्नवाले स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, माता , संपत्ति, वाहन, सुख प्रदान करने वाली वस्तु से सम्बंधित मामलों , कर्क लग्नवाले भाई-बहन, सहपाठी-सहकर्मी, खर्च-शक्ति, बाह्य-सम्बन्ध से संबंधित , सिंह लग्नवाले धन-कोष , साख , परिवार, लाभ, लक्ष्य, मंजिल से सम्बंधित , कन्या लग्नवाले कैरियर, पिता , सामाजिक स्थिति, राजनीति, स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, आत्मविश्वास से सम्बंधित , तुला लग्नवाले कन्या भाग्य, आध्यात्म, धर्म से सम्बंधित क्रियाकलाप, खर्च-शक्ति, बाह्य-सम्बन्धआदि मामले , वृश्चिक लग्नवाले रूटीन, जीवन-शैली, लाभ, लक्ष्य, मंजिल आदि के मामले , धनु लग्नवाले प्रेम-सम्बन्ध, दांपत्य-जीवन, घर-गृहस्थी, कैरियर, पिता , सामाजिक स्थिति, राजनीति के मामले , मकर लग्नवाले रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव, भाग्य, आध्यात्म, धर्म से सम्बंधित क्रियाकलाप आदि मामले , माता , संपत्ति, वाहन, सुख प्रदान करने वाली वस्तु, प्रेम-सम्बन्ध, दांपत्य-जीवन, घर-गृहस्थी लग्नवाले पढ़ाई-लिखाई, निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी, रूटीन, जीवन-शैलीके मामले , मीन लग्नवाले माता , संपत्ति, वाहन, सुख प्रदान करने वाली वस्तु, प्रेम-सम्बन्ध, दांपत्य-जीवन, घर-गृहस्थी की मजबूती या कमजोरी से खुद को सुखी या दुखी महसूस करेंगे।
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