Brihaspati transit 2022
2022-2023 में बृहस्पति की चाल का जनसामान्य पर प्रभाव
फलित ज्योतिष के ग्रंथों के अनुसार बृहस्पति को शुभ प्रभाव देनेवाला ग्रह माना जाता है , जबकि ऐसी कोई बात नहीं है । 'गत्यात्मक ज्योतिष' के अनुसार अन्य ग्रहों की तरह ही बृहस्पति भी तबतक जातकों को सुख नहीं देता , जबतक इसकी गत्यात्मक शक्ति अच्छी नहीं हो जाती है। इसी प्रकार बृहस्पति तबतक आपको परेशान नहीं करता , जबतक उसकी गत्यात्मक शक्ति कम नहीं हो जाती है। गत्यात्मक शक्ति कम या अधिक हो जाने पर जातक को बृहस्पति के कारण उससे सम्बंधित भावों का सुख या कष्ट मिल जाता है। मैं 2022-23 की बृहस्पति की चाल का पृथ्वी के जड़-चेतन पर पड़नेवाले प्रभाव की व्याख्या कर रही हूँ। 29 जून 2022 को बृहस्पति सूर्य के साथ 90 डिग्री की कोणात्मक दूरी बनाएगा । इस समय बृहस्पति और पृथ्वी की दुरी औसत के आस-पास होगी । ऐसे समय में बृहस्पति काफी क्रियाशील होता है और जनसामान्य को बृहस्पति से सम्बंधित कार्यों में उलझने के लिए बाध्य करता है।
यूं तो मीन में बृहस्पति की स्थिति लोगों के सुख और दुख दोनो का कारण बनी हुई होगी , पर 31 जुलाई तक दिन ब दिन इसकी स्थैतिक शक्ति में हो रही वृद्धि कुछ लोगों की मन:स्थिति को सुखद बनाएगी , तो कुछ तनाव झेलने को भी विवश होंगे । 2022
जून के अंतिम सप्ताह से ही लोग बृहस्पति के कारण उत्पन्न होनेवाले कार्य में उलझे होंगे। चूंकि बृहस्पति धनु और मीन राशि का स्वामी है और इसकी स्थिति अभी मीन में है , इसलिए धनु और
मीन राशि से संबंधित कार्यों में ही सुख या दुख की अधिक संभावना रहेगी। 60 से 72 वर्ष की उम्र के वृद्ध , जिनका जन्मकालीन बृहस्पति कमजोर है , यानि 1949 में जून से अगस्त,
1950 में जुलाई से सितम्बर,
1951 में सितम्बर से ऑक्टूबर,
1952 में अक्टूबर से दिसंबर ,
1953 के नवंबर से
1954 के जनवरी तक ,
1954 के दिसंबर से
1955 के फरवरी तक,
1955 के दिसंबर से
1956 के फरवरी तक ,
1957 के फरवरी से अप्रैल तक,
1958 में मार्च से मई तक ,
1959 के अप्रैल से जून तक,
1960 के मई से जुलाई तक,
1961 के जून से अगस्त तक जन्म लेने वालों को बृहस्पति की इस स्थिति से तकलीफ होगी। उल्लिखित समय से दूर जन्म लेने वाले पर बृहस्पति का शुभ प्रभाव पड़ेगा।
बृहस्पति की इस स्थिति के कारण नवंबर 1933 से अक्टूबर
1934 , नवंबर 1945 से सितम्बर 1946 , नवंबर 1957 से नवंबर 1958 , अक्टूबर 1969 से अक्टूबर
1970 , सितम्बर 1981 से अक्टूबर 1982 , सितम्बर 1993 से सितम्बर 1994 , अक्टूबर 2005 से अक्टूबर 2006 , अक्टूबर 2017 से अक्टूबर 2018 , जन्म लेनेवाले उत्साहित होकर कार्य में जुटे रहेंगे । बृहस्पति के कारण 29 जून
2022 से शुरू हुई कार्यक्रमों में बाधा की शुरुआत 31 जुलाई से होगी। 27 सितम्बर तक काम लगभग रुका हुआ सा महसूस होगा। उसके बाद ही काम के शुरू किए जाने के लिए आशा की कोई किरण दिखाई दे सकती है। 24 नवंबर के बाद स्थगित कार्य पुन: उसी रुप में या बदले हुए रुप में उपस्थित होकर गतिमान होगा और 22 दिसंबर 2022 के आसपास अपने निर्णयात्मक मोड़ पर पहुंच जाएगा। बृहस्पति के कारण होनेवाले इस निर्णय से भी इन लोगों को खुशी होगी। इस तरह 6 महीने तक किसी खास संदर्भ , जिसकी चर्चा लेख के अंतिम अनुच्छेद में की गयी है, की सफलता से इनका उत्साह बढा रहेगा।
किन्तु मीन राशि में बृहस्पति की इस विशेष स्थिति से अक्टूबर 1931 से अक्टूबर 1932 , सितम्बर 1943 से सितम्बर 1944 , अगस्त 1955 से सितम्बर 1956 , अगस्त 1967 से अगस्त 1968 , जुलाई 1979 से अगस्त 1980 , जुलाई 1991 से जुलाई 1992 , जुलाई 2003 से जुलाई 2004 , सितम्बर 2015 से सितम्बर 2016 तक के मध्य जन्म लेनेवाले लोग निराशाजनक वातावरण में कार्य करने को बाध्य होंगे। 22 दिसंबर 2022 के आसपास कार्य के असफल होने से उन्हें तनाव का सामना करना पड सकता है। 27 सितम्बर के आसपास उनके समक्ष किकर्तब्यविमूढावस्था की स्थिति बनी रहेगी। 24 नवंबर के बाद निराशाजनक वातावरण में ही स्थगित कार्य पुन: उसी रुप में या बदले हुए रुप में उपस्थित होकर गतिमान होगा और 22 दिसंबर 2022 में अपने निर्णयात्मक मोड़ पर पहुंच जाएगा। बृहस्पति के कारण होनेवाले इस निर्णय से भी इन लोगों को कष्ट पहुंचेगा। इस तरह 6 महीने तक किसी खास संदर्भ , जिसकी चर्चा लेख के अंतिम अनुच्छेद में की गयी है, की परेशानी बनी रह सकती है।
इसके अलावे गोचर के इस बृहस्पति के कारण तुला राशि वाले पर शुभ प्रभाव तथा सिंह राशि वाले बुरा प्रभाव महसूस करेंगे। काफी हद तक मीन राशि वाले पर भी बृहस्पति के इस चाल का अच्छा प्रभाव पडेगा। कुछ हद तक अक्टूबर-नवंबर माह में जन्म लेनेवालों के लिए शनि की यह स्थिति शुभ प्रभाव देने वाली होगी , जबकि अगस्त-सितम्बर माह में जन्म लेनेवाले इसके बुरे प्रभाव से युक्त हो सकते हैं। यदि ऊपर मौजूद तिथियों या राशि कोई जातक एक साथ बृहस्पति के अच्छे और बुरे दोनो प्रभाव में आते हों , तो उनपर बृहस्पति का मिश्रित प्रभाव पडेगा , यानि कोई कठिनाई आएगी तो उसके समाधान के रास्ते भी दिखेंगे।
बृहस्पति के इस खास चाल के कारण ऊपर मौजूद तिथियों या राशि में जन्म लेनेवाले विभिन्न लग्नवाले भिन्न भिनन प्रकार के सुख या दुख से खुद को संयुक्त पाएंगे। मेष लग्नवाले भाग्य, आध्यात्म, धर्म से सम्बंधित क्रियाकलाप, खर्च-शक्ति, बाह्य-सम्बन्ध के मामले से संबंधित, वृष लग्नवाले रूटीन, जीवन-शैली, लाभ, लक्ष्य, मंजिल के मामले से संबंधित , मिथुन लग्नवाले प्रेम-सम्बन्ध, दांपत्य-जीवन, घर-गृहस्थी, कैरियर, पिता , सामाजिक स्थिति, राजनीति से सम्बंधित मामलों , कर्क लग्नवाले रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव, भाग्य, आध्यात्म, धर्म से सम्बंधित क्रियाकलाप से संबंधित , सिंह लग्नवाले पढ़ाई-लिखाई, निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी, रूटीन, जीवन-शैली से सम्बंधित , कन्या लग्नवाले माता , संपत्ति, वाहन, सुख प्रदान करने वाली वस्तु, प्रेम-सम्बन्ध, दांपत्य-जीवन, घर-गृहस्थी से सम्बंधित , तुला लग्नवाले कन्या भाई-बहन, सहपाठी-सहकर्मी, रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभावआदि मामले , वृश्चिक लग्नवाले धन-कोष , साख , परिवार, पढ़ाई-लिखाई, निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी, आदि के मामले , धनु लग्नवाले माता , संपत्ति, वाहन, सुख प्रदान करने वाली वस्तु, स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, आत्मविश्वास के मामले , मकर लग्नवाले खर्च-शक्ति, बाह्य-सम्बन्ध, भाई-बहन, सहपाठी-सहकर्मी आदि मामले , कैरियर, पिता , सामाजिक स्थिति, राजनीति, स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, आत्मविश्वास लग्नवाले लाभ, लक्ष्य, मंजिल, धन-कोष , साख , परिवारके मामले , मीन लग्नवाले कैरियर, पिता , सामाजिक स्थिति, राजनीति, स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, आत्मविश्वास की मजबूती या कमजोरी से खुद को सुखी या दुखी महसूस करेंगे।
brihaspati ka rashi parivartan 2022, brihaspati transit 2022, brihaspati gochar 2022, brihaspati effects in hindi, brihaspati kab uday hoga