गणित के जवाब में ‘=’ ‘>’ ‘<’ ‘=<’ ‘=>’

ज्योतिष शास्त्र

इसमें कोई शक नहीं कि गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष ब्‍लागिंग की मदद से अपनी पहचान बना पाने में कामयाबी प्राप्‍त करता जा रहा है , पर कुछ दिनों से पाठकों द्वारा इसके द्वारा ज्‍योतिष शास्त्र के विज्ञान कहे जाने के विरोध में कुछ आवाजें भी उठ रही हैं। वैसे तो सबसे पहले मसीजीवी जी ने ज्‍योतिष शास्त्र को विज्ञान कहे जाने पर आपत्ति जतायी थी , पर अभी हाल में ज्ञानदत्‍त पांडेय जी के द्वारा यह प्रश्‍न उठाया गया तो मुझे काफी खुशी हुई , क्‍योंकि उनकी सकारात्‍मक टिप्‍पणियां हमेशा ही मेरा उत्‍साह बढाती आयी है। उनके बाद एक दो और पाठक भी इसी प्रकार के प्रश्‍न करते मिले हैं। आज उन सबके द्वारा उठाए गए प्रश्‍न का तर्कसंगत जवाब देना मैं उचित समझ रही हूं और शायद पहली बार हो रही इस प्रकार की सकारात्‍मक चर्चा करते हुए मुझे काफी खुशी भी हो रही है। मैं चाहूंगी कि इस प्रकार के और प्रश्‍न भी सामने आएं , मैं सबकी जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास करूंगी।

Ganit vishay

सबसे पहले गणित विषय को ही लें। गणित में हर प्रश्‍न का जवाब ‘=’ ही नहीं होता है। इसमें किसी समीकरण का उत्‍तर ‘लगभग’ में होने के साथ ही साथ ‘>’ और ‘<’ या ‘=<’ और ‘=>’ में भी हो सकता है। कोई समीकरण ‘लिमिट’ में भी अपना जवाब देती है । सभी समीकरण एक सीधी रेखा का ही ग्राफ नहीं बनाती , पाराबोला और हाइपरबोला भी बना सकती है। गणित के संभावनावाद का सिद्धांत संभावना की भी चर्चा करता है। और चूंकि भौतिकी जैसा पूर्ण विज्ञान के भी सभी नियम गणित पर ही आधारित होते हैं , तो भला इसके भी हर प्रश्‍न का जवाब ‘=’ में कैसे दिया जा सकता है ? और बाकी विज्ञान जो भौतिकी की तरह पूर्ण विज्ञान न हो तो उसके प्रश्‍नों का जवाब ‘=’ में देना तो और भी मुश्किल है।

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Signs of maths

एलोपैथी चिकित्‍सा विज्ञान के बहुत से प्रश्‍नों का जवाब ‘=’ में दिया जा सकता है , पर सबका दे पाना असंभव है , बहुत से प्रश्‍नों का जवाब ‘लगभग’ और बहुत से प्रश्‍नों का जवाब ‘संभावनावाद’ के नियमों के अनुसार दिया जा सकता है। पहले एक ही लक्षण देखकर चार प्रकार के बीमारी की संभावना व्‍यक्‍त की जाती है , जिससे पहले डाक्‍टरों को अक्‍सर दुविधा हो जाया करती थी , आज जरूर विभिन्‍न प्रकार के टेस्‍टों ने डाक्‍टरों का काम आसान कर दिया है , तो क्‍या पहले मेडिकल साइंस विज्ञान नहीं था ? अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिलने के बावजूद मौसम विज्ञान कहा जाता है , क्‍योंकि इस क्षेत्र में बेहतर भविष्‍यवाणी कर पाने की संभावनाएं दिखाई पड रही है। क्‍या भूगर्भ विज्ञान की भूगर्भ के बारे में की गयी गणना बिल्‍कुल सटीक रहती है ? नहीं , फिर भी उसे भूगर्भ विज्ञान कहा जाता है। संक्षेप में , हम यही कह सकते हें कि जरूरी नहीं कि वैज्ञानिक सिद्धांत हमें सत्‍य की ही जानकारी दे , जिन सिद्धांतो की सहायता से हमें सत्‍य के निकट आने में भी सहायता मिल जाए , उसे विज्ञान कहा जाता है।

Jyotish science

यदि ज्‍योतिष शास्‍त्र के नियमों की बात करें , तो इसके कुछ नियम बिल्‍कुल सत्‍य हैं , मौसम से संबंधित जिस सिद्धांत के बारे में कल चर्चा हुई , वह बिल्‍कुल सत्‍य है। ऐसा इसलिए है , क्‍योंकि इस नियम को स्‍थापित करने में ग्रहों को छोडकर सिर्फ भौगोलिक तत्‍वों का ही प्रभाव पडता है। र ज्‍योतिष के कुछ नियम सत्‍य के निकट भी होते हैं , और कुछ के बारे में तो सिर्फ संभावना ही व्‍यक्‍त की जा सकती है। ऐसा इसलिए होता है , क्‍योंकि उन नियमों पर सामाजिक , राजनीतिक , भौगोलिक या अन्‍य बहुत से कारकों का प्रभाव देखा जाता है । पर इसका अर्थ यह नहीं है कि ज्योतिष शास्त्र एक विज्ञान नहीं है।

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    संगीता पुरी

    Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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