Vastu shastra ke anusar ghar ka naksha
वास्तुशास्त्र मकान के शिल्प की प्राचीनतम विधा है , जो घर के हर कार्य के लिए सही दिशा निर्देशित करती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा ऐसा होता है , जो आपको प्रकृति अनुरूप जीवनशैली में मदद करता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार आपके घर में पूजा का स्थान, भण्डार कहाँ होना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार बैठक , सोने का कमरा ,घर में टॉयलेट कहाँ होना चाहिए।
इन दिनों वास्तुशास्त्र की अनुगूंज हर जगह सुनाई पड़ रही है। बड़े लोग जब लम्बे काल के लिए अपने कार्यक्रमों में विफल होते चले जाते हैं, तब वे अपने कार्यक्रमों, सूझ-बूझ, संगति, समय या संसाधनों के समन्वयन पर दृष्टिपात न कर अपने आवास को, अपने पहनावे को, अपने हस्ताक्षर को दोषपूर्ण समझना शुरु कर देते हैं और उन्हें सुधारने में लग जाते हैं। एक ओर बुरे समय की मार, तो दूसरी ओर इस प्रकार के सुधार का कार्यक्रम — व्यक्ति को लाखों का मूल्य चुकाना पड़ता है।
वास्तुशास्त्र के जानकार की शुल्क भी अभियंता की तरह ही होती है। जो व्यक्ति अपने आवास की तोड़-फोड़ में लाखो का नुकसान कर रहे होते हैं, वे भला वास्तुशास्त्रवेत्ता को हजारो क्यों नहीं दे सकते हैं ? इस मनोविज्ञान की जानकारी भी उन्हें खूब होती है और इसका फायदा उठाने से वे नहीं चूकते।
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Easy Vastu tips
वास्तुशास्त्र के नियम हर प्रकार से अनुकूलित मकान का नक्शा अवश्य तैयार कर देते हैं , जहां दिशा के अनुसार हर प्रकार की व्यवस्था रहती है , ताकि आपको घर में धूप , हवा , पानी आवश्यकता के अनुरूप मिल पाए और इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे , आप अनाज का संचय अधिक दिनों तक कर सके , किसी प्रकार के दुश्मन से बचे रह सकें। पर उसका भाग्य से भी संबंध होता है , यह भ्रम न पाले।
समय जब अच्छा होता है, तो लक्ष्मी का आगमन होता है, यश की वृद्धि होती है, घर का निर्माण हो जाता है, नौकरी मिल जाती है, समाज में पद-प्रतिष्ठा मिलती है, रत्न-जटित मुकुट सिर पर चढ़ जाता है, पत्नी, बाल-बच्चे सब सुख देनेवाले होते हैं, आत्मविश्वास की बढ़ोत्तरी होती है, व्यक्तित्व आकर्षक हो जाता हैं किन्तु जब समय बुरा होता है, तो लक्ष्मी रुठ जाती है, उसका आगमन अवरुद्ध हो जाता है, यश में कमी हो जाती है, घर गिरने लगता है, उसमें तोड़-फोड़ होने लगता है, उसका रख-रक्षाव ठीक से नहीं हो पाता, समाज से तिरस्कृत होना पड़ता है, रत्न-जटित मुकुट सिर से उतर जाता है, जिन रत्नों को आप शुभ या प्रगतिसूचक मानते हैं, वे स्वत: गिर जातेहैं ,गुम हो जाते हैं, पत्नी, बाल-बच्चे या सभी नजदीकी कष्ट के कारण बन जाते हैं।
उत्साह के साथ मकान का निर्माण हो रहा हो, तो समझ लीजिए आपका समय अच्छा है, परंतु किसी प्रकार की विवशता में पड़कर आप मकान के नक्शे को बदलने के लिए तोड़-फोड़ कर रहे हों, तो इस अनावश्यक कार्यवाही को ही आप किसी बुरे ग्रह की प्रेरणा समझें।
अपने अनुभव से मैं इतना बता सकती हूँ कि घर या जमीन खरीदते वक्त ध्यान रखें कि उसका दक्षिण हिस्सा खुला खुला रहे। तभी आपको जाड़े में धूप की प्रचुरता और गर्मी के दिनों में धुप से बचाव हो सकता है। आज के दौर में आप किसी भी जमीन पर इतना यकीन नहीं कर सकते कि वहाँ आपके मकान से ऊँचा मकान नहीं बन सकता। इसलिए आपके लिए बेहतर यही होगा कि दक्षिण के हिस्से में सड़क हो, आपकी बालकनी और कुछ खिड़कियाँ इस दिशा में अवश्य हो। आज फ्रिज और AC के दौर में मकान के लिए अधिक वास्तु देखने की आवश्यकता नहीं।