कुंडली में भाव कैसे देखें ?
janam kundali kaise dekhe
गत्यात्मक ज्योतिष के अभी तक की वीडियो से आप इतना समझ चुके होंगे कि किसी व्यक्ति का लग्न मेष हो तो कुंडली 1 से शुरू होती है, लग्न वृष हो तो कुंडली 2 से शुरू होती है, लग्न मिथुन हो तो कुंडली 3 से शुरू होती है, लग्न कर्क हो तो कुंडली 4 से शुरू होती है, लग्न सिंह हो तो कुंडली 5 से शुरू होती है, लग्न कन्या हो तो कुंडली 6 से शुरू होती है, लग्न तुला हो तो कुंडली 7 से शुरू होती है, लग्न वृश्चिक हो तो कुंडली 8 से शुरू होती है, लग्न धनु हो तो कुंडली 9 से शुरू होती है, लग्न मकर हो तो कुंडली 10 से शुरू होती है, लग्न कुम्भ हो तो कुंडली 11 से शुरू होती है, लग्न मीन हो तो कुंडली 12 से शुरू होती है।
हमारे विडियो से आप यह भी समझ चुके होंगे कि चाहे कोई भी अंक क्यों न लिखा हो , कुंडली का पहला भाव लग्न से शुरू होता हुआ १२वें भाव में अंत होता है। पहला भाव स्वास्थ्य और आत्मविश्वास, दूसरा भाव धन और कुटुंब , तीसरा भाव भाई-बहन और सहकर्मी, चौथा भाव माता और हर प्रकार की सुख देनेवाली संपत्ति , पाँचवाँ भाव अपनी और संतान के बुद्धि और ज्ञान, छठा भाव हर प्रकार के झंझट और प्रभाव , सातवाँ भाव पारिवारिक और दाम्पत्य जीवन , आठवाँ भाव जीवनशैली और रूटीन,नवाँ भाव धर्म पर आस्था और विचारशैली , दसवाँ भाव पिता और सामाजिक राजनीतिक स्थिति , ग्यारहवाँ भाव लाभ और मजिल, बारहवाँ भाव खर्च और बाहरी सन्दर्भों की जानकारी देता है। इन भावों के भावेश और उनमे स्थित ग्रहों की गत्यात्मक शक्ति से हम इन विषयों के बारे में सटीक आकलन कर पाते हैं।
कुंडली में 1 और 8 अंक की स्थिति चाहे कहीं भी हो , उन भावों का स्वामी मंगल ही रहेगा। कुंडली में 2 और 7 अंक की स्थिति चाहे कहीं भी हो , उन भावों का स्वामी शुक्र होगा। कुंडली में 3 और 6 अंक की स्थिति चाहे जहाँ भी हो , इन भावों का स्वामी बुध होगा। कुंडली में 4 अंक की स्थिति चाहे जहाँ भी हो , उस भाव का स्वामी चंद्र होगा , कुंडली में 5 अंक की स्थिति चाहे जहाँ भी हो, उस भाव का स्वामी सूर्य होगा। कुंडली में 9 और 12 अंक चाहे जहाँ भी हो, उस भाव का स्वामी बृहस्पति होगा। कुंडली में 10 और 11 अंक की स्थिति चाहे जो भी हो, उस भाव का स्वामी शनि है। सभी लग्न में अंकों के हिसाब से भावेश बदल जाते हैं।
मेष लग्न होने पर स्वास्थ्य और जीवन शैली को मंगल , धन और पारिवारिक जीवन को शुक्र , भाई बहन और झंझट को बुध, माता और संपत्ति को चंद्र, पढ़ाई और संतान को सूर्य, भाग्य और खर्च को बृहस्पति, सामाजिक राजनीतिक जीवन और लाभ को शनि के हिसाब से देखा जायेगा। वृष लग्न होने पर स्वास्थ्य और झंझट को शुक्र, धन और संतान को बुध, भाई-बहन को चंद्र, माता और संपत्ति को सूर्य , जीवनशैली और लाभ को बृहस्पति , भाग्य और सामाजिक राजनीतिक स्थिति को शनि तथा पारिवारिक और खर्च की स्थिति को मंगल के हिसाब से देखा जायेगा। मिथुन लग्न होने पर स्वास्थ्य और संपत्ति के स्थिति को बुध, धन को चंद्र, भाई बहन को सूर्य, पढ़ाई लिखाई और खर्च को शुक्र , झंझटों और लाभ को मंगल , पारिवारिक जीवन और पिता की स्थिति को बृहस्पति, जीवनशैली और भाग्य को शनि के हिसाब से देखा जायेगा।
कर्क लग्न होने पर स्वास्थय की स्थिति को चंद्र, धन की स्थिति को सूर्य, भाई बहन और खर्च की स्थिति को बुध, हर प्रकार की संपत्ति और लाभ की स्थिति को शुक्र, संतान और सामाजिक राजनीतिक स्थिति को मंगल, झंझटो और भाग्य को बृहस्पति , घर गृहस्थी और जीवनशैली को शनि के हिसाब से देखा जायेगा। सिंह लग्न होने पर स्वास्थय की स्थिति को सूर्य, धन और लाभ की स्थिति को बुध, भाई बंधु तथा सामाजिक राजनितिक स्थिति को शुक्र, हर प्रकार की संपत्ति और भाग्य को मंगल, संतान और जीवनशैली को बृहस्पति , पारिवारिक जीवन और झंझटों को शनि, खर्च की स्थिति को चंद्र के हिसाब से देखा जाना चाहिए। कन्या लग्न होने पर स्वास्थय और सामाजिक राजनीतिक स्थिति को बुध, धन और भाग्य की स्थिति को शुक्र,भाई बहन और जीवन शैली को मंगल, हर प्रकार की संपत्ति और घर गृहस्थी को बृहस्पति, संतान और झंझट की स्थिति को शनि , लाभ को चंद्र तथा खर्च को सूर्य के हिसाब से देखा जाना चाहिए। तुला लग्न होने पर स्वास्थ्य और जीवनशैली को शुक्र, धन और पारिवारिक जीवन को मंगल, भाई बहन और झंझट को बृहस्पति , हर प्रकार की संपत्ति और संतान को शनि, भाग्य और खर्च की स्थिति को बुध, सामाजिक स्थिति को चंद्र तथा लाभ की स्थिति को सूर्य के हिसाब से देखा जाना चाहिए।
वृश्चिक लग्न होने पर स्वास्थ्य और झंझट की स्थिति को मंगल , धन और संतान को बृहस्पति, भाई बहन और संपत्ति को शनि, पारिवारिक जीवन और खर्च को शुक्र, जीवनशैली और लाभ को बुध, भाग्य को चंद्र तथा सामाजिक राजनीतिक स्थिति को सूर्य से देखा जाना चाहिए। धनु लग्न होने पर स्वास्थ्य और संपत्ति को बृहस्पति, धन और भाई बहन को शनि, संतान और खर्च को मंगल, लाभ और झंझट को शुक्र, पारिवारिक जीवन और सामाजिक राजनीतिक जीवन को बुध, जीवनशैली को चंद्र, भाग्य को सूर्य के हिसाब से देखा जायेगा। मकर लग्न होने पर स्वास्थय और धन को शनि, भाई बहन और खर्च को बृहस्पति, संपत्ति और लाभ को मंगल, संतान और सामाजिक स्थिति को शुक्र, भाग्य और झंझट को बुध, पारिवारिक जीवन को चंद्र तथा जीवनशैली को सूर्य के हिसाब से देखा जायेगा। कुम्भ लग्न होने पर स्वास्थय और खर्च को शनि, धन और लाभ को बृहस्पति, भाई बहन और सामाजिक स्थिति को मंगल , भाग्य और संपत्ति की स्थिति को शुक्र, संतान और जीवनशैली को बुध, झंझट को चंद्र और पारिवारिक जीवन को सूर्य के हिसाब से देखा जाना चाहिए। मीन लग्न होने पर स्वास्थय और सामाजिक राजनीतिक स्थिति को बृहस्पति, धन और भाग्य को मंगल, भाई बहन और जीवनशैली को शुक्र, हर प्रकार की संपत्ति और पारिवारिक जीवन को बुध,संपत्ति के मामले को चंद्र, झंझट की स्थिति को सूर्य, लाभ और खर्च की स्थिति को शनि के हिसाब से देखा जायेगा।
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