hamari kahani साहित्य शिल्पी में प्रकाशित मेरे द्वारा लिखी कुछ कहानियों में आपके लिए एक और कहानी .....शाम के 4 बज चुके हैं , दिन भर काम करने के कारण थकान से शरीर टूट रहा है , इसके बावजूद टेबल पर फाइलों का अंबार लगा है। पि…
hamari kahani मात्र एक खबर से पूरे घर में सन्नाटा पसर गया था। सुबह एक्सीडेंट के बाद से ही सबके कान समय समय पर फोन पर होनेवाले बातचीत में ही लगे थे , इसलिए फोन रखते हुए 'मामाजी नहीं रहें' कहनेवाले पुलकित के धीमे से स…
hamari kahani बाजार जाने के लिए ज्योंहि मैं तैयार होकर बाहर निकली, बारिश शुरू हो चुकी थी। लौटकर बरामदे में एक कुर्सी डालकर एक पत्रिका हाथ में लेकर बारिश थमने का इंतजार करने लगी। बाजार के कई काम थे, बैंक से पैसे निकालने थे, …