पुस्तक

डॉ बी एन पांडेय जी के द्वारा लिखा गया प्राक्‍कथन

सूर्यादि ग्रहों तथा अश्विन्‍यादि नक्षत्रों के गणित तथा फलित का वर्णन विवेचन करने वाले शास्‍त्र की अभिद्दा ज्‍योतिष है। वेद के छठे अंग ( अनुक्रमत शिक्षा , कल्‍प , व्‍याकरण , तिरूक्‍त , छंद और ज्‍योतिष ) के रूप में ज्‍योतिष …

अंधविश्‍वासों के आवरण में प्रच्‍छन्‍न : क्‍या है सत्‍य ??

समाज में भांति भांति के अंधविश्‍वास व्‍याप्‍त हैं , जो बुद्धिजीवी वर्ग को स्‍वीकार्य नहीं हो सकते , पर इन अंधविश्‍वासों के मध्‍य भी कुछ वैज्ञानिक सत्‍य हैं , जिनका खुलासा हमारे पिताजी श्री विद्या सागर महथा इस पुस्‍तक में कर रहे …

नजर का असर ..... अतिथि पोस्‍ट .... श्री विद्या सागर महथा

कुणाल की आंखों पर उसकी सौतेली मां की नजर थी , कारण यह था कि उसकी आंखें बहुत ही खूबसूरत थी और उसकी तथाकथित मां उन आंखों पर मोहित थी। लाख कोशिश के बाद भी जब वह उन आंखों को हासिल न कर सकी तो अपने पति से उसकी शिकायत कर , उसपर छेड़खा…

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