30 अप्रैल को सुबह सुबह शैलेश भारतवासी जी के फेसबुक स्टेटस पर मेरी नजर गई ... क्या कभी ऐसा भी हो सकता है कि मातम और उत्सव इतनी जल्दी-जल्दी हों कि इंसान उनका एहसास न कर सके। गौरव शर्मा (Gaurav Sharma) के परिवार के साथ कु…
कई प्रकार की व्यस्तता के कारण कुछ दिनों से अपने ब्लोग पर नियमित रूप से ध्यान नहीं दे पा रही हूं। फिलहाल जहां एक ओर दोनो बच्चों की छुट्टियां मनमाने ढंग से मनाने में उनकी मदद कर रही हूं , वहीं दूसरी ओर बिखरे पडे सभी आलेखों को…
इंतजार की घडी बहुत निकट आ गयी है , 11-11-11 के जादुई आंकडें के दिन में मात्र चार दिन बच गए हैं। जैसे जैसे यह निकट आ रहा है , वैसे वैसे शुभ काम शुरू करने की प्रतीक्षा में युवाओं के दिल की धडकने तेज हो गयी है। कुछ विवाह के लि…