दुनिया का सबसे खूबसूरत शब्द, सबसे प्यारा शब्द है मां। किसी एक महिला के मां बनते ही पूरा घर ही रिश्तों से सराबोर हो जाता है। कोई नानी तो कोई दादी , कोई मौसी तो कोई बुआ , कोई चाचा तो कोई मामा , कोई भैया तो कोई दीदी , नए नए …
जब साल 1947 में देश आजाद हुआ तो देश के सामने भाषा का सवाल एक बड़ा सवाल था। भारत जैसे विशाल देश में सैकड़ों भाषाएं और हजारों बोलियां थीं। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र…
इंटरनेट की बदौलत इतनी बड़ी दुनिया एक छोटी दुनिया में बदल चुकी है। आज दुनिया में ४ अरब के लगभग लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये आंकड़ा दुनिया की कुल आबादी का 51% से कुछ ज्यादा है। जबकि हमारे देश में ये आंकड़ा 4 करोड़ से ज्य…
कलकत्ता के पार्क स्ट्रीट में 'द गोल्डेन पार्क' होटल में पिछले रविवार यानि 9 मार्च 2014 को 'अ बिलियन आइडियाज' की ओर से आयोजित एक ब्लॉगर्स मीट में भाग लेने का मौका मिला , इसमें विचार विमर्श के लिए निम्न मुद्द…
आज निम्न वर्गीय परिवारों के बच्चों को खाना , कपडा , मकान , सायकल और जरूरत की अन्य चीजें मुफ्त मिल रही है .. जो उनके माता पिता को दिनभर कडी मेहनत के बाद भी नहीं मिल पाती थी ... वे इस व्यवस्था में क्या खामी देखेंगे ?? मध्यमवर्…
कुछ दिनों पूर्व एक उलझा हुआ सवाल मिला था , कहते हैं कि नियति निर्धारित है और उसे परिवर्तित नहीं किया जा सकता. तो क्या स्त्री की नियति भी निश्चित है जो उसे सदियों से भोग्या बना कर रख दिया गया है? पुरुष वर्ग ने ही सारी किस्मत का…
Mahila divas kab manaya jata hai पिछले माह ट्रेन से आ रही थी , रिजर्वेशन नहीं होने और भीड के अधिक होने के कारण महिला बॉगी में चढ गयी , यहां हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाएं मौजूद थी , बच्चियों , युवतियों से लेकर वृद्ध…
Mahila sashaktikaran par nibandh पुराने वर्ष को विदा करने और नए वर्ष का स्वागत करने के , व्यतीत किए गए वर्ष का मूल्यांकण करने और नए वर्ष के लिए अपने कार्यक्रम बनाने यानि हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण दिसंबर के उत्तरार्द्ध …
हमारे देश में प्राचीन काल से जो दर्शन मौजूद है इसकी सबसे बडी शक्ति इसका लचीलापन है। कुछ भी विचार , जो ईश्वर, समाज या राजनीति से सम्बन्धित है, इसके दर्शन का अंग बन सकता है। सभी महापुरूषों के विचारों को सुनना , अमल करना यहां के …
भाग्य बडा या कर्म .. इस बात पर अबतक सर्वसम्मति का अभाव है। दोनो पक्ष के लोग अपनी अपनी बातों को सही साबित करने के लिए अलग अलग तर्क दिया करते हैं , अलग अलग कहानियां गढा करते हैं। कर्म को मानने वाले लोगों का मत है कि हम जैसे कर…
इस वर्ष नवरात्र में दस बारह दिनों के लिए गांव चली गयी , चूंकि गांव में मेरे पास कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा नहीं थी , इसलिए इतने दिनों तक अपने जीमेल को लॉगिन भी नहीं कर सकी। आने के बाद जैसे ही काम करना शुरू किया , एलर्ट आने…
what is diwali for children वैसे तो पूरी दुनिया में हर देश और समाज में कोई न कोई त्यौहार मनाए जाते हैं , पर भारतीय संस्कृति की बात ही अलग है। हर महीने एक दो पर्व मनते ही रहते हैं , कुछ आंचलिक होते हैं तो कुछ पूरे देश में…
बीज तो हर दिमाग में होते हैं , पर समय पर ही उनकी देखभाल हो पाती है , अंकुरण हो पाता है , विकास के क्रम में उन्हें हर प्रकार का वातावरण मिल पाता है और वह छोटा सा बीज एक विशाल वृक्ष बन पाता है। आज के सामाजिक राजनीतिक हालत में अन…