Moral values meaning in hindi
Moral values meaning in hindi
आप सबों ने सुना ही होगा, गेहूँ के साथ घुन पीसता है और फूलों के साथ कीड़े मकोड़े भगवान् को अर्पित किये जाते हैं। आप जिस भी परिवार, समाज, जाति, धर्म, जिला, राज्य, देश - के अंग हैं, उससे आपकी पहचान अलग नहीं होती। आज रामायण सीरियल का प्रसंग है, मिथिला की बालिका सीता जी के दुःख से दुखी है और कह रही है कि वह मिथिला के एक एक दीवाल पर लिखेगी कि मिथिला की बेटियों की शादी अयोध्या में न की जाये। और ऐसा ही हुआ, मिथिला के लोग श्रीराम को ईश्वर का रूप मानकर पूजा तो करते हैं, पर बेटियों की शादी अयोध्या में करना नहीं चाहते।
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२५-५० साल की मानव की जीवनशैली पर गौर कीजिए, हर काम को पैसे में आंकने की आदत आयी है। सबने खुद को पैसे कमाने की मशीन बना लिया है। डॉक्टर हॉस्पिटल में सामान्य इलाज कर रहे थे, प्राइवेट प्रैक्टिस पर विशेष । शिक्षक स्कूलों में सामान्य पढाई करवा रहे थे, ट्यूशन में विशेष मेहनत करते थे। मजदूर किसी का काम करने में लापरवाही कर रहे थे, ठेका लेने पर पूरी मेहनत करते थे। सरकारी कर्मचारी बिना पैसों के किसी पेपर पर हस्ताक्षर कर दे, यह संभव ही नहीं था। सामान या सेवा की कमी क्या हुई, नंबर सिस्टम की धज्जियाँ उड़ जाती थी। भ्रष्टाचारियों की कमी नहीं, सारे सामान ब्लैक में मिलने शुरू हो जाते थे। हालाँकि ऑनलाइन व्यवस्था होने से बहुत जगहों पर पारदर्शिता आयी, पर पैसों के लिए लोगों को मौके की तलाश रही। इस तरह हर जरूरत को पूरी करने में समर्थ साधन 'पैसा' कब साध्य बन गया, पता भी न चला। समाज में बढ़ती हुई पैसों की जरूरत ने सारे नैतिक मूल्यों को तहस-नहस कर दिया।
naitik mulya in hindi
नागरिक ही समाज और देश की इकाई होते हैं। ये एकजुट हो जाएँ, तो भ्रष्टाचारियों को अपनी आदत छोड़नी पड़ती है। अच्छे-अच्छे लोगों ने नैतिक मूल्यों स्थापित करने की पहल भी की , पर समाज क्या किया, इसे रोकना छोड़ सभी उनका अंधानुकरण करने लगें। मेहनत तो भारी लगता है, पैसों से सब सुविधाएँ मिल जाती हैं, पैसों के लिए सारे नियम ताक पर रख दिए हमने। हमने विलासिता पूर्ण जीवन जीने के लिए सुविधाएँ एकत्रित कर लीं, बड़े-बूढ़ों की सीख पर बहस करनी शुरू कर दी, उन्हें वृद्धाश्रम तक का रास्ता दिखा दिया। अंत में मिला क्या ? लोगों का एक दूसरे पर विश्वास समाप्त हुआ, समाज अविश्वास के भयानक जाल में घिर गया। सब सुख प्राप्त कर पर्यावरण खराब करके हमने कई तरह की बीमारी को जन्म दिया, बीमारी की वजह से जीभ का स्वाद छोड़कर रोटी-चावल अपनाना पड़ा, रोज जिम जाने की आदत डालनी पडी। मेहनत तो करनी ही पड़ेगी, ईश्वर ने तो गरीब और अमीर में कोई फर्क नहीं बनाया है।
moral values in hindi
आज कोरोना वाइरस ने हमें सीखा दिया है कि भोजन, वस्त्र, आवास के साथ जीवन जीने के मूल्यों की जानकारी ही हमारी मुख्य आवश्यकता है, जिसके लिए हमारा स्वावलम्बी होना आवश्यक है। विकास को कभी भी विनाश का रास्ता नहीं बनने देना चाहिए। किसी भी युग में किसी भी समाज में यदि असामाजिक तत्व उपस्थित होते हैं तो महात्मा भी होते हैं। समाज की एक इकाई होने के नाते हमारा यह कर्त्तव्य होना चाहिए कि हम तन, मन, धन और दिमाग, जो भी हमारे पास है, लगाकर असामजिक तत्वों को समाप्त करें और समाज को अच्छे विचार देनेवालों का प्रचार-प्रसार करें। नहीं तो गेहूं के साथ घुन पीसते ही रहेंगे, आप चाहकर भी खुद को इससे अलग नहीं कर सकते। अभी भाई समय है, आईये समाज में सकारात्मक विचारों का प्रचार प्रसार करे, नकारात्मक मुद्दों का खात्मा करें।